बिना पदों के भर्ती हुए 156 BU कर्मचारी हुए नियमित, ले रहे सातवां वेतनमान
भोपाल
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में डेढ़ सौ से ज्यादा कर्मचारियों की भर्तियां गलत हैं। इसकी शिकायत डिप्टी रजिस्ट्रार सरिता चौहान ने कर दी है। बीयू कर्मचारियों की भर्ती में फर्जीवाड़ा हुआ है। इसे लेकर शिकायतें होती आ रही है, लेकिन शासन उनका निराकरण नहीं करता है। क्योंकि ये शिकायतें गुपचुप हुआ करती थीं। अब डीआर चौहान की शिकायत को शासन गंभीरता से लेगा।
बीयू कर्मचारियों को एरियर देना है। इसे देने से इंकार करने पर डीआर चौहान से कर्मचारियों का विवाद जरुर हो गया है। इसलिए उन्हें स्थापना से हटा दिया गय है। इसके पहले उन्होंने बीयू के करीब डेढ सौ कर्मचारियों की भर्ती में हुई गड़बड़ी संबंधी शिकायत दर्ज करा दी है। गड़बड़ी की जांच होने पर कर्मचारियों को एरियर मिलना तो दूर हो जाएगा। उन्हें वेतन तो ठीक, भत्ते सातवां वेतनमान, पेंशन के साथ बीयू से मिलने वाली सुविधाओं के लिए मोहताज हो जाएंगे। ये पहला मौका नहीं है। जब कर्मचारियों की भर्ती में हुए फर्जीवाड़े की शिकायतों का पिटारा नहीं खुला हो।
बीयू कार्यरत करीब डेढ़ सौ कर्मचारी ऐसे हैं, जो बिना पदों के नौकरी कर रहे हैं। 2010 की कार्यपरिषद ने उक्त कर्मचारियों को जरुरत होने पर बाहर करने की वजाय रिक्त पदों के विपरीत वेतन आवंटित करने की व्यवस्था बना थी। इसके बाद शासन से पदों की भर्ती की स्वीकृति मांगी गई, जो आज तक बीयू को हासिल नहीं हो सकी है। इससे सभी कर्मचारियों की नियुक्तियां पदों पर हुई ही नहीं हैं। इसके बाद भी बीयू ने उनका नियमितीकरण कर दिया और उन्हें वर्तमान के सभी आर्थिक लाभ दिए जा रहे हैं।
पूर्व में मंत्री से हुई दो दर्जन कर्मचारियों की शिकायत
बीयू में दो दर्जन कर्मचारी शासन की मंजूरी के बिना नौकरी कर रहे हैं। ये खुलासा बीयू से बर्खाश्त हुए असिस्टेंट डायरेक्टर अरविंद्र कुमार ने उच्च शिक्षामंत्री जीतू पटवारी को पत्र लिखकर कर चुके हैं। बीयू के एडी अरविंद्र को गत वर्ष बर्खास्त कर दिया गया, जिसके बाद वे नौकरी वापस लेने हाईकोर्ट चले गए। । जहां उनका प्रकरण विचारणीय हैं। उन्होंने उच्च शिक्षामंत्री पटवारी को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने खुलासा किया है कि बीयू में करीब दो दर्जन कर्मचारी शासन से बिना स्वीकृति वाले पदों में रहते हुए नौकरी कर रहे हैं। इसलिए उन्हें भी नौकरी वापस लिया जाए।
बीयू ने भेजा लेखाजोखा
बर्खास्त असिस्टेंट डायरेक्टर अरविंद्र ने बीयू को विज्ञापन से लेकर शासन से स्वीकृति के लिए मांगा गया कुलपति मुरलीधर तिवारी के पत्र के साथ अन्य दस्तावेज मंत्री पटवारी को दिए हैं। मंत्री पटवारी ने उन्हें छोड़ दो दर्जन कर्मचारियों का पूरा ब्यौरा उच्च शिक्षा विभाग से तलब किया था। इसके विहाप पर विभाग ने बीयू फाइल भेजकर जल्द रिपोर्ट तलब की थी। बीयू ने इसका पूरा ब्यौरा तैयार कर शासन को भेज दिया है। इसके चलते मंत्री पटवारी आगामी कोई कार्रवाई नहीं कर पाए हैं। बीयू कर्मचारी के निशाने पर आए डीआर और एआर पाटने से कलह की स्थिति जरुर बन गई है।
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