भारत का घंटा और पाकिस्तान का महीना बराबर, जानिए कारों की बिक्री में कितना अंतर?
नई दिल्ली
भारत का ऑटो सेक्टर तेजी से आगे बढ़ रहा है. दुनिया भर की तमाम दिग्गज कंपनियों की नजरें भारत पर टिकी हैं. इसी वजह से भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कार बाजार बन गया है. दूसरी ओर पड़ोसी देश पाकिस्तान है, जहां बीते दिनों खराब अर्थव्यवस्था के चलते कार कंपनियों के कारखानों पर ताले लगने की नौबत आ चुकी थी. कारों की ब्रिकी में भारत से तुलना की बात करें तो भारत में जितनी कारें कुछ घंटों में बिकती है उतनी कारें बिकने में पाकिस्तान में महीने भर लग जाते है. पाकिस्तान ऑटोमोटिव मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन के अनुसार बीते मार्च महीने में पाकिस्तान में कुल 7,672 यूनिट पैसेंजर कारों की ब्रिकी हुई थी. वहीं भारत में सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चरर्स (SIAM) के अनुसार मार्च महीने में 3,69,381 यूनिट्स पैसेंजर कार बेचे गए हैं.
पाकिस्तान ऑटोमोटिव मैन्युफैक्चरर्स के मासिक बिक्री आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2024 में देश में पैसेजर व्हीकल की सेल 7,672 यूनिट रही, जो पिछले साल की तुलना में मामूली गिरावट है. जहां दुनिया भर में ऑटोमोटिव उद्योग बढ़ती इनपुट लागत, समग्र महंगाई से जूझ रहे हैं. वहीं पाकिस्तानी खरीदारों के पास हाल ही में अर्थव्यवस्था की खराब स्थिति, मुद्रा में गिरावट और वाहन खरीद पर उच्च कर वसूलने जैसी अन्य चुनौतियां भी हैं.
हालांकि सप्लाई चेन प्रतिबंध, बढ़ती इनपुट लागत आदि जैसी चुनौतियों का सामना करने के बावजूद बढ़ते भारतीय पीवी बाजार को उजागर करने के अलावा कोई तुलना नहीं है. बता दें कि भारत में मार्च तक 3.69 लाख से अधिक कार बेची गईं है. घरेलू पैसेंजर व्हीकल का सेल 3,69,381 इकाइयों तक पहुंच गई. ये संख्या प्रतिदिन बेची जाने वाली 12,000 से अधिक कारों का प्रतिनिधित्व करती है.
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